मंगलवार, 17 मई 2011

एक अमेरिकी गाँधी का अंत

मै अमर उजाला दैनिक हिंदी पेपर में हेतु भरद्वाज जी का लेख पड़ रहा था लेख पड़ कर आत्मा को बहुत तकलीफ हुआ क्या जी गाँधी को हम अपना आदर्श मानते है उनके देश में ही एक सच्चे गांधी वादी की ये दशा जायेगी अमेरिकी चिन्तक चोमस्की की नस्ल का जेफ़ नेबल नामक अमेरिकी गाँधी विचारक १९९५ से ही भारत में रह रहे थे
वह अपना सब कुछ छोड़ कर अमेरिका से भारत आ गए थे पेशे से वह खनन इंजिनियर थे सरकारी नौकरी वियतनाम युध्य अन्य सामाजिक गतिबिधियो के बीचउन्हें लगा की अमेरिकी समाज avam अधिकारी स्वार्थी
तथा अनैतिक आचरण वाले है जिसके कारण वो अपना स्थान भारत को चुना उन्होंने अपना सारा धन बाट कर भारत आ गए कयोंकि उनका मानना था की आद्यात्मिकता सबसे पहले भारत में शुरू हुयी थी भारत आ कर उन्हें परम शांति की अनुभूति हुई उन्हें अहसास हुआ की गांधी क रास्ते पर ही चल कर विश्व कल्याण हो सकता है इस लिए उन्होंने अपना पास पोर्ट और वीसा फाड़ कर फेक दिया और गांधी जी क समाधि पर अनसन किया तो पुलिस उन्हें पकड़ कर थाने ले आयी और बाद में उन्हें छोड़ दिया और उसके बाद वह जयपुर गए और किन्नोर तक पद यात्रा की इस यात्रा क बाद जब वो हिमांचल प्रदेश पहुंचे तो किसी के शिकायत पर पुलिस ने उनसे पूछ ताछ की इसके बाद उन्होंने सरोच्य न्यालय में याचिका दायर की उन्हें भारत में रहने दिया जाए पर उनकी याचिका ख़ारिज हो गयी जब उन्हें लगा की भारत सरकार कभी भी उन्हें अमेरिका को सौप सकती है तो उन्होंने आत्महत्या कर ली इस गंदी क देश में उनके सच्चे अनुआयी को जगह नहीं मिली जहाँ करोडो लोग अबैध तरीके से रह रहे है हमें उनके अत्मा के शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए

शनिवार, 23 अप्रैल 2011

भारत बड़ी शक्ति होगा

एक अध्ययन के मुताबिक भारत अपने युवा शक्ति , ज्ञान , लोक तांत्रिक ब्यवस्था, सामाजिक परिवेश , और बड़ती प्रतिस्पर्धा के कारण २०५० तक विश्व की सबसे बड़ी शक्ति होगा | भारत २०१५ तक जापान में तथा २०४० में अमेरिका और २०५० में चीन को पीछे छोड़ते हुए विश्व की सबसे बड़ी अर्थ ब्वस्था हो जाएगा | इसके अलवा विज्ञान और तकनीक में भी श्रेष्ठ होगा |

मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011