मै अमर उजाला दैनिक हिंदी पेपर में हेतु भरद्वाज जी का लेख पड़ रहा था लेख पड़ कर आत्मा को बहुत तकलीफ हुआ क्या जी गाँधी को हम अपना आदर्श मानते है उनके देश में ही एक सच्चे गांधी वादी की ये दशा जायेगी अमेरिकी चिन्तक चोमस्की की नस्ल का जेफ़ नेबल नामक अमेरिकी गाँधी विचारक १९९५ से ही भारत में रह रहे थे
वह अपना सब कुछ छोड़ कर अमेरिका से भारत आ गए थे पेशे से वह खनन इंजिनियर थे सरकारी नौकरी वियतनाम युध्य अन्य सामाजिक गतिबिधियो के बीचउन्हें लगा की अमेरिकी समाज avam अधिकारी स्वार्थी तथा अनैतिक आचरण वाले है जिसके कारण वो अपना स्थान भारत को चुना उन्होंने अपना सारा धन बाट कर भारत आ गए कयोंकि उनका मानना था की आद्यात्मिकता सबसे पहले भारत में शुरू हुयी थी भारत आ कर उन्हें परम शांति की अनुभूति हुई उन्हें अहसास हुआ की गांधी क रास्ते पर ही चल कर विश्व कल्याण हो सकता है इस लिए उन्होंने अपना पास पोर्ट और वीसा फाड़ कर फेक दिया और गांधी जी क समाधि पर अनसन किया तो पुलिस उन्हें पकड़ कर थाने ले आयी और बाद में उन्हें छोड़ दिया और उसके बाद वह जयपुर गए और किन्नोर तक पद यात्रा की इस यात्रा क बाद जब वो हिमांचल प्रदेश पहुंचे तो किसी के शिकायत पर पुलिस ने उनसे पूछ ताछ की इसके बाद उन्होंने सरोच्य न्यालय में याचिका दायर की उन्हें भारत में रहने दिया जाए पर उनकी याचिका ख़ारिज हो गयी जब उन्हें लगा की भारत सरकार कभी भी उन्हें अमेरिका को सौप सकती है तो उन्होंने आत्महत्या कर ली इस गंदी क देश में उनके सच्चे अनुआयी को जगह नहीं मिली जहाँ करोडो लोग अबैध तरीके से रह रहे है हमें उनके अत्मा के शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए
मंगलवार, 17 मई 2011
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dukhad samacha.dravit kar gaya.
जवाब देंहटाएंbehad nirashajanak....
जवाब देंहटाएंom shanti..